Sunday, January 8, 2012

BASED ON DR. AMBEDKAR'S FOLLOWING EXPLANATION -BRAHMINS ARE ANIMALS:

****मनुष्य और पशु में अंतर ****
" मूर्खो के अतिरिक्त कोई भी नही कह सकता कि व्यक्ति को अपने पूर्वजो के धर्म के साथ ही जुड़े रहना चाहिए ,चाहे वह धर्म उसे मानव अधिकारों से वंचित रखता हो या उसे प्रतिस्ठा न देता हो| कोई ऐसा व्यक्ति जिसे लेशमात्र भी स्वाभिमान है ,इस प्रकार कि दलील नही स्वीकार कर सकता | "आपको इसी परिवेश में रहना चाहिए जिस परिवेश में आप अभी रह रहे है " यह कहना और सलाह देना पशुओ के लिए तो ठीक रहेगा , लेकिन मानव के लिए नही| मनुष्य और पशु में यही अंतर है कि मनुष्य सोचने कि क्षमता रखता है और अपनी प्रगति कर सकता है ,जबकि पशु नही | बदलाब के सिवाय प्रगति संभव नही है |धर्मान्तरण एक प्रकार का बदलाव है और यदि बदलाव

Nativist D.D.Raut, President, Native People's Party

Our Message to Nation: Janeu Chodo Bharat Jodo

No comments:

Post a Comment